संस्कृत शतश्लोकी मूल रामायण का हिंदी-अवधी में अनुवादित “श्रीमद्नारदीय रामायण” कृति का हुआ विमोचन

 

 

बिलासपुर. नगर के वरिष्ठ साहित्यकार डाँ. बजरंग बली शर्मा द्वारा श्रीमद्वाल्मीकि कृत संस्कृत मूल रामायण का हिंदी-अवधि भाषा में अनुवादित “श्रीमद्नारदीय रामायण” कृति का विमोचन डाँ. विनय कुमार पाठक कुलपति थावे विद्यापीठ एवं पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के मुख्य आतिथ्य, न्यायमूर्ति चंद्रभूषण वाजपेयी, पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय की अध्यक्षता व वरिष्ठ साहित्यकार डाँ. ए के यदु, धर्मभूषण डाँ. श्रीधर गौरहा, डाँ.राघवेंद्र दुबे के विशिष्ट आतिथ्य में 10 अप्रैल 2025 को आयोजित एक बैठक में सत्संग भवन कृष्णा नगर बिलासपुर में संपन्न हुआ I
श्रीमद्वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड के प्रथम सर्ग में आदिकवि वाल्मीकि और देवर्षि नारद के मध्य वार्तालाप में श्रीरामकथा के बीज उभरते हैं I इस मूल रामकथा को नगर के वरिष्ठ साहित्यकार डाँ. बजरंग बली शर्मा ने हिंदी-अवधी में चौपाई-शतक के रूप में अनुवाद कर “श्रीमद्नारदीय रामायण” नाम से प्रकाशित किया है I कृतिकार बजरंग बली शर्मा ने इस संस्कृत मूल वाले सौ श्लोकों को अत्यंत सहज-सरल और भावप्रवाह भाषा में रचा है जो वर्तमान पीढ़ी वाले श्रीराम कथा के गायक भक्तों को विशेष रूचि उत्पन्न करेगी I मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डाँ. विनय कुमार पाठक ने अपने संवोधन में कहा कि कृतिकार डाँ. शर्मा ने पहले भी गोस्वामी तुलसीदासजी की श्रीहनुमान चालीसा जो अवधी भाषा में है, को छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद कर चुके हैं जिसे आज भी लोग सरलता से गायन कर रहे हैं I आर्ष ग्रन्थ श्रीमद्वाल्मीकि रामायण के प्रथम सर्ग संस्कृत का हिंदी-अवधी सरल भाषा में अनुवाद सौ चोपाई में किया है, जो प्रशंसनीय है I समारोह की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति चंद्रभूषण वाजपेयी ने अपने सबोधन में कहा कि कृतिकार ने इस मूल बीज वाले सर्ग विशेष का चौपाई में अनुवाद करते समय भाव प्रवाह एवं भाषा शैली की उत्कृष्टता को सुरक्षित रखा है जो कारयित्री प्रतिभा को दर्शाता है I डाँ.राघवेंद्र दुबे ने इस कृति की समीक्षा की और कहा कि संस्कृतनिष्ठ भक्तिपरक काव्यों का अनुवाद करना एक कठिन कार्य है किन्तु डॉ शर्मा जी ने वास्तव में एक अद्भुत और प्रशंसनीय कार्य करते हुए इस ग्रंथ का प्रणयन किया है ।
इस अवसर पर डाँ. विवेक तिवारी डाँ. दीनदयाल यादव मदनमोहन अग्रवाल सीतल पाटनवार राजेशा सोनार डी पी गुप्ता रमेश चन्द्र श्रीवास्तव राजेंद्र राजू शिवप्रताप साव डाँ.विष्णु तिवारी अवनीश साव आशीष गुप्ता राजेन्द्र गुप्ता डाँ. केके भंडारी संतोष गुप्ता देवनारायण कश्यप प्रवीण गुप्ता डाँ. गीता तिवारी अंजनी तिवारी महेंद्र गुप्ता लक्ष्मीकांत गुप्ता रंगानादम रमाकांत मिश्रा आदि सहित आमंत्रित सदस्य विशेष रूप से उपस्थित थे I आभार व्यक्त राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष व वरिष्ठ साहित्यकार अंजनी तिवारी ने किया I

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