January 12, 2023
जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं करने पर सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
सरगुजा. छ.ग. उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा साक्षात्कार के एक साल बाद भी जिला उपभोक्ता आयोग सरगुजा में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं करने के कारण सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस द्वारा हस्ताक्षर अभियान की शुरुवात की गई। जिला उपभोक्ता आयोग सरगुजा के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु 2020 से चल रहे प्रक्रिया के अंतर्गत बीते वर्ष 8 व 9 जनवरी 2022 को संपन्न हुए अध्यक्ष और सदस्यों के साक्षात्कार के एक साल पूरा होने पर भी आज तक रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं कर पाने पर इसे विभाग की एक शर्मनाक कार्यप्रणाली बताते हुए सरगुजा सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस के अध्यक्ष डी.के. सोनी ने जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष आज से हस्ताक्षर अभियान की शुरुवात की है।
ज्ञात हो कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अधीन संवैधानिक रूप से गठित चयन समिति द्वारा विगत वर्ष 8 और 9 जनवरी 2022 को अध्यक्ष एवं सदस्यों के नियुक्ति हेतु कई जिला आयोगों के लिए साक्षात्कार पश्चात चयनित नामों के पैनल को विभाग को सौंप दिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप विभाग द्वारा काफी लेट लतीफी करते हुए साल भर में 3 आदेश में तो कई रिक्त आवेदित जिलों के लिए नियुक्ति आदेश जारी कर दिए, परंतु हमेशा की तरह सरगुजा जिला उपभोक्ता आयोग को उपेक्षित करते हुए साक्षात्कार के एक साल बाद भी अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सरगुजा में नहीं की जा सकी है।
संस्था के अध्यक्ष डी.के. सोनी ने कहा है कि इस मामले में जिला आयोगों में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति में विलम्ब के कारण सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे सु मोटो प्रकरण में उन्होंने स्वयं को इंटरविनर बनाए जाने हेतु आवेदन दिया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है और बहुत जल्द ही सरगुजा जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति में हुए अनावश्यक विलंब एवं लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों पर जवाबदेही तय करवाएंगे और उन्हें न्यायोचित सजा भी दिलवाएंगे, क्योंकि ऐसे अधिकारियों के लापरवाही के कारण ही सरगुजा जिला उपभोक्ता आयोग में पीड़ित उपभोक्ताओं को दो साल से न्याय नहीं मिल पा रहा है जिसका सीधा नुकसान आम उपभोक्ताओं को हो रहा है। उपभोक्ता न्याय व्यवस्था को जान बूझकर वर्षो से अवरुद्ध किया जाना न्यायोचित नहीं है, ऐसे न्यायिक कार्य में बाधा डालने के लिए जवाबदेह अधिकारीयों व कर्मचारियों को न्यायलय के समक्ष हमलोग जरूर लेकर आएंगे।
राज्य सरकार को समय समय पर हमारी संस्था द्वारा नियुक्ति के संबंध में हो रही लापरवाही की जानकारी भी दी गई है, परन्तु अफसोस आज तक इस मामले में कोई सार्थक पहल नहीं की गई है, इसलिए आज से ही अधिवक्ताओं व पीड़ित उपभोक्ताओं के हस्ताक्षर अभियान की शुरुवात भी की जा रही है, जिससे संविधान द्वारा निर्मित कानून की रक्षा की जा सके।उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 देश के दोनों सर्वोच्च सदनों में पूर्ण बहुमत से पारित व राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित कानून है और इस कानून की धज्जियां उपभोक्ता मंत्रालय के अधिकारी व कर्मचारी लगातार उड़ा रहे हैं, इसलिए गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या 25 जनवरी को देश के राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के नाम अधिवक्ता, उपभोक्ता और आम जन द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन को सौंपेंगे।