सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस भी रूस का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्होंने छह देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मतलब यह है अगर रूस पर हमला होता है सोवियत संघ हिस्सा रहे देश सभी खुद पर भी हमला मानेंगे। अजरबेजान भी रूस की मदद
बाकू. अर्मेनिया (Armenia) और अजरबैजान (Azerbaijan) के बीच जारी जंग खत्म करने की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. अमेरिका (America) की पहल पर किये गए संघर्ष विराम के कुछ ही घंटों बाद दोनों देश फिर आमने-सामने आ गए हैं. यह तीसरा मौका है जब, युद्ध विराम की घोषणा के बाद फिर से जंग शुरू
अंकारा. अर्मेनिया (Armenia) और अजरबैजान (Azerbaijan) के बीच जारी जंग को खत्म करने के लिए अमेरिका आगे आया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की, ताकि विवाद के शांतिपूर्ण निपटारे को संभव बनाया जा सके. हालांकि, इसकी उम्मीद बेहद कम दिखाई देती है. अर्मेनिया और अजरबैजान
बाकू. अर्मेनिया (Armenia) और अजरबैजान (Azerbaijan) की जंग दिन ब दिन और खतरनाक होती जा रही है. अजरबैजान का आरोप है कि अर्मेनिया लगातार उसके ठिकानों को निशाना बना रहा है. आज सुबह (17 अक्टूबर) भी अर्मेनिया ने अजरबैजान के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा पर मिसाइल हमला किया. इस हमले में पांच लोगों की मौत
येरेवन/बाकू. अर्मेनिया और अजरबैजान ने एक दूसरे पर नागोर्नो-करबख में युद्धविराम संधि की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. दोनों तरफ से रूस द्वारा तैयार की गई युद्धविराम संधि की सार्थकता पर सवाल उठाए गए हैं. संघर्ष विराम के लिए दोनों देशों के बीच मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता
मॉस्को. कोरोना संकट के बीच दुनिया पर मंडरा रहा विश्व युद्ध का खतरा रूस के प्रयासों से टल गया है. अर्मेनिया (Armenia) और अजरबैजान (Azerbaijan) पिछले कई दिनों से जारी युद्ध रोकने पर सहमत हो गए हैं. आज दोपहर से दोनों तरफ से गरज रहीं तोपें खामोश हो जाएंगी. यदि दोनों देशों में सहमति नहीं
बाकू. अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia, Azerbaijan War) के बीच जंग जारी है. दोनों देशों ने युद्ध खत्म करने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील को खारिज कर दिया है. इस बीच, अजरबैजान के राष्ट्रपति ने जंग खत्म करने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं. उनका कहना है कि यदि अर्मेनिया इन शर्तों को स्वीकार कर लेता है,
येरेवन. अर्मेनिया (Armenia) और अजरबेजान (Azerbaijan) के बीच छिड़ी जंग कम होने का नाम नहीं ले रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बाहली के प्रयासों के बाद भी अर्मेनिया और अजरबेजान के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है. उधर अर्मेनियाई अधिकारियों का कहना है कि अजरबैजान द्वारा शनिवार को एक नए हमले की शुरुआत की है.
अज़रबैजान. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) द्वारा जिहादी आतंकवादियों (jihadist militants) के नागोर्नी करबाख (Nagorny Karabakh) में तैनाती वाले बयान के बाद से अर्मेनियाई (Armenian) और अज़रबैजान (Azerbaijani) ने गोलाबारी तेज कर दी है. पश्चिम और मास्को ने विवादित नागोर्नी काराबाख क्षेत्र में लड़ाई को रोकने के लिए नए सिरे से
नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच किसी भी समय विश्व युद्ध (World War) का अलार्म बज सकता है, क्योंकि दुनिया में चार जगहों पर पड़ोसी देशों के बीच आपस में संघर्ष चल रहा है. सबसे बड़ा जंग का मैदान तो रूस (Russia) के करीब बना हुआ है, जहां अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia-Azerbaijan) जमीन के लिए एकदूसरे