“मौजूदा निज़ाम अपनी नीतियों से सिर्फ अवाम की मुश्किलें ही नहीं बढ़ा रहा है, वह स्वतन्त्रता आंदोलन की ढांचागत, राजनैतिक और वैचारिक – हर तरह की उपलब्धियों को भी पलट रहा है।” शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान माला — 2021 में “उदारीकरण के 30 साल और भारतीय युवा” विषय पर बोलते हुए एसएफआई के पूर्व महासचिव