मुंबई/ अनिल बेदाग. संगीत का शौक ऐसा होता है कि इंसान जल्दी इसके जादू से निकल ही नहीं पाता है। कुछ ऐसा ही म्युज़िक का खुमार म्युज़िक डायरेक्टर शाहजहां शेख सागर के सिर चढ़कर बोलता है। उन्हें संगीत का जुनून है और वर्षो से वह गीत संगीत से जुड़े हुए हैं। कोलकाता के रहने वाले
बिलासपुर. वैसे हर इंसान अपने आप में एकदम यूनिक होता है…लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है जिनकी बात बिलकुल अलग रहती है…मतलब एकदम निराली रहती है उसमे से एक ऐसी महिला भी शामिल है…जो समाज सेवा करके कभी किसी को कहती नहीं है और कभी किसी को यह तक नहीं बोलती है की मैने यह
बिलासपुर. गौरव शुक्ला का कहना है हर इंसान किसी ना किसी चीज़ से शरीरिक पीड़ा से ग्रसित है इससे बचने के लिए नित प्रीतिदिन 15 मिनट योग जरूरी है. इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे. आज कल के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगो के पास समय नही है और चकाचौंध भरी जिन्दगी में अपने लिए समय
बिलासपुर. इंसान अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने पूरे कालचक्र में तरह-तरह के क्रियाकलाप करता है और जब वह अज्ञान होकर समाज के मुख्य आधार बिंदु से जोड़ता है तब अपनी आवश्यकता और सामाजिक गतिविधियों को परस्पर रूप से संचालन के लिए भाग दौड़ शुरू करता हैl और इसी आपाधापी और भागदौड़ भरे जीवन
सूफी संगीत ऐसा संगीत है जो इंसान को भगवान से जोड़ने का माध्यम बनता है। भारत में या यूं कहें कि पूरे एशिया में सूफी संगीत की नीव डालने वाले हजरत ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती है। आज के दौर में भी जो भी हम संगीत सुन रहे हैं। वह सूफी संत हजरत अमीर खुसरो
आपके नजर में इंसान नही तो क्या हुआ; आपके शहर/गांव का भगवान तो हूँ?? धूप, बरसात और ठंड में भी मुस्तैद रहने वाला; एक अदना सा पुलिस का जवान तो हूँ?? तुम चाहे मुझे नफरत से देखते रहो, दोस्तों… मैं फिर भी आपके सुरक्षा के लिए 24×7 तैनात तो हूँ।।1।। आपके नजर में…… तो हूँ??
अंबिकापुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. मौत के बाद अपनों के कंधों का सहारा मिले, यह हर व्यक्ति की अंतिम इच्छा होती है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण की स्थिति ही होती है जब इंसान की मौत के बाद भी अंतिम यात्रा में अपनों के कंधे नसीब न हों । ऐसे में पुलिस-प्रशासन , कोई सामाजिक संस्था या व्यक्ति ही उनका विधि-विधान
बिलासपुर. मजदूरों के आने का विरोध मत करों भाई वे भी इंसान है हमारी आपकी की तरह अधिकारियों नेताओं एवं व्यावसायिक घरानों के बच्चे सरकारी खर्चों से अपने घर पहुँच सकते हैं बिना कोई विरोध के विदेशों से आनें वालो से परहेज नहीं तो इनसे क्यों? इस विकट संकट काल मे लोग घरों की तरफ भागने
हर इंसान अपने आज से अपने कल को सुरक्षित रखना चाहता है। इसको करने के लिए वह कई जगह निवेश भी करता है। अगर आप अपने और अपनी फैमली के लिए ऐसा कुछ करते है तो एलआईसी की ये स्कीम आपके लिए काफी अच्छी हो सकती है। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन यानि एलआईसी में निवेश करना