September 28, 2020
और अब संसदीय प्रणाली का पिण्डदान : न जवाब, न जानकारी, न राय रखने की मोहलत

1. संसद ने पूछा : घर लौटते में कितने मजदूर रास्ते में मरे? सरकार बोली : नहीं पता। 2. संसद ने पूछा : इन मृतकों के परिवार को कोई मुआवजा दिया गया? 3. सरकार बोली : जब मरने वालो का ही रिकॉर्ड नहीं, तो मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता।