बिलासपुर. सरकार नीति तो बना लेती है पर वो सिर्फ कागज़ में रह कर संदूक में पड़े रहती है। योजना बनती जनता के लिए हैं और सरकारी कर्मचारी जनता को छोड़ अपना भला कर लेते हैं। ठीक इसी तरह बिल्हा के सहकारी बैंक का हाल है। यहां बैंक के खातादार 22000 हैं । बैंक पर
बिलासपुर/अनीश गंधर्व. व्यापार विहार को कचरा मुक्त करने नगर निगम का दावा केवल कागजों में किया गया। यहां चारों ओर कचरा फैला हुआ है। छोटे छोटे होटलों और झाड़ियों में वर्षो से सफाई नहीं हुआ है। संक्रमण के इस काल में आज भी लोग भूल कर रहे है,दूषित जल पी रहे है सामाजिक दूरी और
बिलासपुर/अनीश गंधर्व. शहर का दायरा कागजों में बढ़ा दिया गया है। किंतु यहां मूलभूत सुविधा से लोग वंचित हैं। नगर निगम बिलासपुर द्वारा टैक्स भी वसूला जा रहा है। जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले हमे सुविधाएं तो दी जाए। बिना सुविधा दिए हम लोगों को टैक्स चुकाने के
कागज के बने एक बार इस्तेमाल करने योग्य कपों से चाय पीना सेहत के लिए हानिकारक है और यदि कोई व्यक्ति उनमें दिन में तीन बार चाय पीता है तो उसके शरीर में प्लास्टिक के 75,000 सूक्ष्म कण चले जाते हैं। आईआईटी खड़गपुर के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अनुसंधान का नेतृत्व