Tag: कोयला खनन

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले का किया विरोध

रायपुर. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में दो कोयला खनन परियोजनाओं को स्वीकृति देने के छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है तथा सरकार के इस कदम को आदिवासीविरोधी और कॉरपोरेट हितों से संचालित बताया है। पार्टी ने कहा है कि फर्जी ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर दी गई

माकपा ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन परियोजनाओं को स्वीकृति देने पर छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले का किया विरोध

रायपुर. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में दो कोयला खनन परियोजनाओं को स्वीकृति देने के छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है तथा सरकार के इस कदम को आदिवासीविरोधी और कॉरपोरेट हितों से संचालित बताया है। पार्टी ने कहा है कि फर्जी ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर दी गई

विस्थापित ग्रामों के बेरोजगारों को आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार देने की मांग : किसान सभा ने एसईसीएल को दी खदान बंदी की चेतावनी

कोरबा. कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खनन परियोजनाओं से विस्थापितों के लिए रोजगार की मांग इस क्षेत्र की एक प्रमुख मांग के रूप में उभर रही है, क्योंकि अपनी जमीन से हाथ धो चुके परिवार आजीविका के साधनों के अभाव में बेरोजगारी का दंश सहने पर मजबूर है। इन विस्थापित परिवारों से एसईसीएल ने

अब गेवरा खदान बंद करने की चेतावनी दी किसान सभा ने, मांगा विस्थापित बेरोजगारों के लिए आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार

कोरबा. कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खनन परियोजनाओं से विस्थापितों के लिए रोजगार की मांग इस क्षेत्र की एक प्रमुख मांग के रूप में उभर रही है, क्योंकि अपनी जमीन से हाथ धो चुके परिवार आजीविका के साधनों के अभाव में बेरोजगारी का दंश सहने पर मजबूर है। इन विस्थापित परिवारों से एसईसीएल ने

भूविस्थापित किसानों का धरना 20 वें दिन भी जारी, काले कृषि कानूनों की वापसी पर मिठाई बांटकर मनाई खुशियां

कुसमुंडा (कोरबा). बरसों पहले कोयला खनन के लिए भूमि अधिग्रहण की एवज में रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर माकपा और किसान सभा के समर्थन-सहयोग से भूविस्थापित किसानों का अनिश्चितकालीन धरना आज 20वें दिन प्रवेश कर गया। एसईसीएल प्रबंधन ने आंदोलनकारियों से लंबित रोजगार की मांग का निराकरण के लिए एक माह का समय

पुराने प्रकरण के लंबित रोजगार की मांग को लेकर भूविस्थापितों ने रोका काम, माकपा और किसान सभा ने दिया समर्थन

कोरबा. कोयला खनन के लिए दशकों पूर्व भूमि अधिग्रहण में अपनी जमीन खोने वाले भूविस्थापित आज भी मुआवजा और रोजगार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर है। खेती-किसानी करने वाले किसान भूमिहीन होकर दर-दर भटक रहे हैं, न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनके पुनर्वास की चिंता अब न तो एसईसीएल को है और
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