बिलासपुर. किसानों के फसल को चराई से बचाने और गौठान में आने वाले पशुओं को पौष्टिक हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए जिले के 45 गौठानों के 114 एकड़ क्षेत्र में चारागाह विकास किया गया है। इन चारागाहों में गत वर्ष साढ़े 3 हजार क्विंटल से अधिक हरे चारे का उत्पादन किया गया। जिससे लगभग
पशुओं की खुली चराई पर नियंत्रण के लिये रोका-छेका की शुरूआत होगी आज से : छत्तीसगढ़ में बोआई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं पर नियंत्रण के लिये प्रचलित प्रथा रोका-छेका की शुरूआत 19 जून से होने जा रही है। गांव और शहर में खुले घूमने वाले पशुओं को गौठान में लाकर
बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. ग्राम पंचायत सीमा के भीतर गौठान के अंतर्गत 19 जून 2020 को विभिन्न कार्यक्रम/गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। जिसमें धान की फसल को चराई से बचाने के लिये मवेशियों का खुले में चरना प्रतिबंधित करने हेतु ’रोका छेका’ की व्यवस्था की जाती है। यह व्यवस्था करने से अन्य फसल लिये जाने
नगरीय निकाय में होगा रोका-छेका संकल्प अभियान 19 जून को : राज्य के ग्रामीण परिवेश में फसल बोआई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु रोका-छेका प्रथा प्रचलित है। शहरों के आसपास स्थित फसलों, बाड़ियों, उद्यानों की सुरक्षा हेतु इस प्रकार की व्यवस्था की जाती है। कलेक्टर डाॅ.सारांश मित्तर ने
‘रोका-छेका’ प्रथा अनुरूप पशुओं के नियंत्रण से फसल बचाव की शपथ लेंगे जनप्रतिनिधि और ग्रामीण : फसल बोआई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु छत्तीसगढ़ में रोका-छेका प्रथा प्रचलित है। जिसमें फसल बोआई को बढ़ावा देने तथा पशुओं के चरने से फसल को होने वाले हानि से बचाव के