Tag: चुनौती

सुप्रीम कोर्ट का आदेश रमन सिंह और संबित पात्रा को क्लीनचिट नहीं है !

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा को चुनौती दी है कि वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सार्वजनिक करें जिसमे रमन सिंह और संबित पात्रा को टूलकिट मामले में क्लीन चिट दी गई है या फिर अदालत का नाम लेकर झूठ बोलने और गुमराह करने के लिए मीडिया और जनता

रमन सिंह जी की चुनौतियां खोखली

रायपुर. रमन सिंह जी की चुनौती को खोखली और कोरी बौखलाहट करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह जी को बताना चाहिये कि उनकी सरकार ने एनएसओ और पेगासस से डील की या नहीं? रमन सिंह जी से कांग्रेस ने पूछा है कि पनामा मामले में

ऑक्सीजन एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ के रास्ते महाराष्ट्र पहुँची, आक्सीजन टैंकरों के तेजी से आवागमन के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया

रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के परिचालन को एक चुनौती के रूप में लिया और  महाराष्ट्र के कलंबोली से नागपुर, गोंदिया, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, लखोली होते हुए विशाखापट्टणम तक और वापस इसी रास्ते से नासिक तक  पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस सफलतापूर्वक चलाई। जिस पल रेलवे को, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों के आवागमन के लिए जैसे

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्राओं के आत्मरक्षा प्रशिक्षण के विषय को लेकर कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपा गया

चांपा. महिला सुरक्षा एक चुनौती बन गया है । आए दिन छात्राओं व महिलाओं के प्रति घटनाऐं देखने सुनने को मिल रही है। इससे निपटने का यही उपाय है कि छात्रा आत्मरक्षा हेतु सक्षम हो । विपरीत परिस्थितियों में वो स्वयं की रक्षा कर सके। उक्त बातें विद्यार्थी परिषद रायगढ़ विभाग की सह संयोजक आर्या

कोरोना काल की चुनौती में भी ‘‘पढ़ई तुहर दुआर’’ कार्यक्रम से जारी है शिक्षा

बिलासपुर. कोरोनाकाल की चुनौती के बीच बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए शिक्षकों द्वारा नित नए नवाचार किये जा रहे हैं। जिले के शिक्षक लवकांत द्विवेदी द्वारा भी ऐसा ही नवाचार किया जा रहा है। श्री द्विवेदी पढ़ई तुहर दुआर कार्यक्रम के तहत बुलटू के बोल एवं शिक्षा साथी आदि माध्यमों से कक्षायें

देखें VIDEO : संकट की इस घड़ी में मिलकर हम मुश्किल हालातों पर जीत हासिल करेंगे : सोनिया गांधी

पिछले 2 महीने से पूरा देश  कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी – रोटी -रोजगार  के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकडों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनका दर्द, उनकी पीड़ा, उनकी सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं। करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखानें बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ। पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के सब साथियों ने, अर्थ-शास्त्रियों ने, समाज-शास्त्रियों ने और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है, मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटा दुकानदर, सरकार द्वारा सबकी मदद करने का है। न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लागू करने से लगातार इंकार कर रही है। इसलिए, कांग्रेस के साथियों ने फैसला लिया है कि भारत की आवाज बुलंद करने का यह सामाजिक अभियान चलाना है।  हमारा केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खज़ाने का ताला खोलिए और ज़रूरत मंदों को राहत दीजिये। हर परिवार को छः महीने के लिए 7,500 रू़ प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करें और उसमें से 10,000 रू़ फौरन दें। मज़दूरों को सुरक्षित  और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर घर पहुंचाईये और उनके लिए रोजी रोटी का इंतजाम भी करें और राशन का इंतजाम भी करें। महात्मा गाँधी मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें जिससें गांव में ही रोज़गार मिल सके। छोटे और लघु उद्योगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दीजिये, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो। आज इसी कड़ी में देशभर से कांग्रेस समर्थक, कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता, पदाधिकारी सोशल मीडिया के माघ्यम से एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे है । मेरा आपसे निवेदन है कि आप भी इस मुहिम में जुड़िए, अपनी परेशानी साझा कीजिए ताकि हम आपकी आवाज को और बुलंद कर सकें। कट की इस घड़ी में हम सब हर देशवासी के साथ हैं और मिलकर इन मुश्किल हालातों पर अवश्य जीत हासिल करेंगे।
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