Tag: जयंती

आज सुंदर नगर में मनायी जायेगी पं. सुंदरलाल शर्मा की जयंती

रायपुर. पं. सुंदरलाल शर्मा की 136वीं जयंती उच्चतर माध्यमिक शाला प्रांगण सुंदर नगर रायपुर में मनायी जायेगी। पं. सुंदरलाल शर्मा की जयंती की तैयारियां जोरों पर है। मंच की साज सज्जा की जा रही है। लोककला सुनील तिवारी का सांस्कृतिक कार्यक्रम 4 बजे से होगा। साहित्य में, सांस्कृतिक लोककला में योगदान के पं. सुंदरलाल शर्मा अलंकरण

कला संगम सांस्कृतिक मंच रजत जयंती पर्व पर सुरमयी संगीत निशा यादें आज

बिलासपुर. कला संगम सांस्कृतिक मंच के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर स्वर सम्राट स्व.मो. रफी साहब जी की जयंती की पूर्व संध्या पर सुरमयी संगीत निशा यादे मो.रफी साहब जी के द्वारा गाए गीतों का मंच के कलाकारों द्वारा आज 22 दिसम्बर रविवार को अपरान्ह 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक कार्यक्रम स्थल

पं. सुंदरलाल शर्मा जयंती समारोह की तैयारी बैठक

रायपुर. पं. सुंदरलाल शर्मा की जयंती 26 दिसंबर को सुंदर नगर में मनायी जायेगी। इस आयोजन की तैयारी को लेकर पं. सुदंरलाल शर्मा शाला में आवश्यक बैठक संपन्न हुयी जिसमें सुभाष शर्मा, नरेन्द्र तिवारी, शैलेश नितिन त्रिवेदी, राजेश दुबे, आशुतोष शर्मा, अजित सिंह नदनवान, अनिल शर्मा, चंद्रहास पांडे, अशोक शर्मा, जी.डी. वैष्णव, रवि धनगर, अम्बर शुक्ला,

युवाओं के प्रतिभा निखारने युवा महोत्सव का आयोजन

बिलासपुर. युवाओं को विशेष अवसर एवं मंच प्रदान करने सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने एवं उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में युवा महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। यह महोत्सव विकासखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर होगा।विकासखंड स्तरीय युवा महोत्सव विकासखंड मुख्यालयों में 15 अक्टूबर से 15 नवंबर 2019

महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती धूमधाम से मनी

बिलासपुर. ज़िला कांग्रेस और शहर कांग्रेस कमेटी ने संयुक्त रूप से महात्मा गांधी की 150 जयंती गांधी चौक में और पूर्व प्रधान मंत्री स्व लालबहादुर शास्त्री की 116 वी जयंती शास्त्री स्कूल में मनाई और उन्हें माल्यार्पण कर उनके योगदान को स्मरण की । गांधी चौक से कांग्रेसजन और आधारशिला मन्दिर कोनी के विद्यार्थी पद

गोस्वामी तुलसीदास की वाणी शाश्वत है : चन्द्र प्रकाश बाजपेयी

बिलासपुर. श्रीराम चरितमानस जीवन जीने की कला का साक्षात दिग्दर्शन है ।यह जनमानस के मल को धो डालने वाली कला है ।आज विश्व जिस कगार में खड़ा है उसमें सारी मर्यादायें नष्ट हो गयी है ।हमें अपने भीतर झाँकने के लिये तप करना पड़ेगा ।राष्ट्रभक्ति आँख बन्द कर नहीं की जा सकती है ।तुलसीदास जी
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