सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस भी रूस का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्होंने छह देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मतलब यह है  अगर रूस पर हमला होता है  सोवियत संघ हिस्सा रहे देश सभी खुद पर भी हमला मानेंगे।  अजरबेजान भी रूस की मदद