आलेख : संजय पराते कॉ. अजीत लाल नहीं रहे। उनके जाने से धमतरी में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास का एक अध्याय समाप्त होता है। उनके असामयिक निधन से छत्तीसगढ़ और खास तौर से धमतरी पार्टी तथा ट्रेड यूनियन आंदोलन को एक अपूरणीय क्षति हुई है, क्योंकि अपनी संघर्षशीलता तथा जीवटपन के कारण वे धमतरी