उनको “वीर” शब्द से संबोधित उनके स्वयं के द्वारा किया गया था, सावरकर ने एक पत्रिका में छद्म नाम से लेख लिखा था और उसमें वीर शब्द से स्वयं को संबोधित किया था..   “जब गांधी जी सावरकर से मिलने लंदन के इंडिया हाउस में पहुँचे, उस समय श्री सावरकर मछली तल रहे थे, तो