Tag: परंपरा

21 जून को आठवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर एनईआई फुटबाल ग्राउंड

बिलासपुर. ‘योग‘ भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक हैं, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है, विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है । यह व्यायाम के बारे

धर्म जागृति मंच द्वारा हनुमान जन्मोत्सव पर विशाल शोभायात्रा का आयोजन

बिलासपुर. धर्म जागृति मंच द्वारा परंपरा अनुसार प्रतिवर्ष हनुमान जन्म उत्सव पर निकलने वाली शोभायात्रा का इस वर्ष भी आयोजन किया जाएगा, इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए धर्म जागृति मंच छत्तीसगढ़ के संयोजक त्रिलोक श्रीवास ने बताया कि धर्म जागृति मंच के संस्थापक स्वर्गीय प्रेम श्रीवास के द्वारा विगत 30 वर्षों से हनुमान

VIDEO – त्रिलोक का बढ़ता जनाधार : यादव नर्तक दल ने किया कांग्रेस का खुला प्रचार

बिलासपुर/अनीश गंधर्व. छत्तीसगढ़ में लोक पर्व  को मनाने की पुरानी परंपरा है। एकादशी तुलसी विवाह को लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते चले आ रहे हैं। इस मौके को ताक में रखते हुए बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय नेता त्रिलोक श्रीवास ने कांग्रेस पार्टी को राज्य में बनाये रखने के लिए शानदार फार्मूले का इंतजाम

मुख्यमंत्री बघेल ने ‘‘नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति कॉफी टेबल बुक का किया विमोचन

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने निवास कार्यालय में भारत के शास्त्रीय नृत्य परंपरा के नैतिक मूल्यों पर आधारित ‘‘नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति‘‘ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। यह कॉफी टेबल बुक संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर द्वारा प्रकाशित की गई है। कॉफी टेबल बुक की लेखिका अंतर्राष्ट्रीय नृत्यांगना पुर्णश्री राउत, सहायक

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा 74वां स्वतंत्रता दिवस पूरी गरिमा के साथ मनाया गया

बिलासपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय सहित सभी मंडलों पर 74वां स्वतंत्रता दिवस पूरी गरिमा व परंपरा के अनुसार दिनांक 15 अगस्त 2020 को मनाया गया। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम मुख्यालय परिसर, बिलासपुर में प्रातः 09.00 बजे गौतम बनर्जी, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य आतिथ्य में

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनता से रोका छेका के लिए आगे आने की कर रहे हैं अपील

रायपुर. प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र शर्मा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह हमारी शुद्ध ग्रामीण व्यवस्था है जो परंपरा से चला आ रही है, इस व्यवस्था में फसल बोने के बाद मवेशियों के खुले चरने पर प्रतिबंध लग जाता है। पिछले कुछ वर्षों में गांव की बहुत सारी अच्छी परम्पराएं कमजोर हुई है जिसमे रोका
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