धमतरी. लालच और असीमित मुनाफे की हवस ने पूरी दुनिया को विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। यदि दुनिया को बचाना है, तो आम जनता के शोषण पर टिकी पूंजी की ताकत से लड़ना होगा। असंगठित मजदूरों को संगठित करते हुए, उनके संघर्षों को आगे बढ़ाते हुए कॉमरेड लाल इस पृथ्वी को
कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है। जिस गति से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे संक्रमण की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट की संख्या भी बढ़ रही है। बिलासपुर सिम्स माइक्रोबायोलॉजी के वैरोलॉजी कोविड टेस्टिंग लैब में डॉक्टर सागरिका प्रधान की अगुवाई में, डॉक्टर रेखा गोनाडे
(आलेख : बादल सरोज) कोरोना की आपदा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि खतरे में सिर्फ भात-रोटी, छत-रोजगार और जिंदगी भर नहीं है। खतरे में पूरी दुनिया है – वह पृथ्वी है, जिस पर मनुष्यता बसी है। जंगल नेस्तनाबूद कर दिए, नदियाँ सुखा दीं, धरती खोदकर रख दी, पशु-पक्षियों को उनके घरों
आज महामारी कोरोना के संक्रमण से लगभग पूरी दुनिया प्रभावित है, संसार के सारे देश कोरोना से लड़ाई लड़ने की अथक प्रयास कर रहे हैं। सारे विश्व के वैज्ञानिक, चिकित्सक, फार्मासिस्ट, पैथोलोजिस्ट, सरकार, सेना, सशस्त्रबल और पुलिस पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पित भाव से अपनी पूरी ताकत कोरोना से लड़ाई में झोंक रहे हैं। इसमें
वायरस को महामारी का दर्जा दिया जा चुका है। पूरी दुनिया इसके प्रकोप या उसकी आशंका से लगभग कांप रही हैं। मगर कुछ हैं, जिन्हे इसमें भी कमाई के अवसर और मुनाफ़ों के पहाड़ नजर आ रहे हैं। हमारे देश में मास्क और हाथधुलाऊ तरल – सेनेटाइजर – दस से बीस गुनी कीमत पर बेचे