बिलासपुर. संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने कहा कि पंचायत राज और ग्राम विकास के आधार पर एफआरए और पेसा दोनों ही कानून ग्राम सभा को केंद्रीय भूमिका में लाती है और सामुदायिक संसाधनों पर आदिवासियों के पारंपरिक अधिकार को मान्यता देती है। पेसा कानून जनजातीय जीवन के इतिहास में नए युग की शुरुआत का प्रतीक