बिलासपुर. आदिवासी समाज प्रकृति की पूजा करते हैं। पेड़-पौधे उनके देवता हैं। उनकी हर गतिविधि में प्रकृति की छाप दिखती है। उनके कारण ही जंगल बचा है। प्रकृति के साथ संतुलन बनाने के लिये आदिवासी विभिन्न पर्व मनाते हैं। यह किसी समाज मंे नहीं होता। प्रकृति प्रेम आदिवासी समाज में कूट-कूटकर भरा है। यह उद्गार