सबसे पहले मैं समस्त देशवासियों को भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ। मैं संविधान की अपने शब्दों में व्याख्या अथवा समीक्षा करने का प्रयास करूॅ तो गारंटी है मेरी व्याख्या अत्यंत तुच्छ प्रमाणित हो जाएगी। इसलिये मैं स्वयं को भारतीय संविधान की निष्ठापूर्वक पूरी व्याख्या के लिये अयोग्य ठहराता हॅू, क्योंकि