कोरबा. छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को खदान में काम देने, शासकीय भूमि पर काबिजों को भी रोजगार, बसावट, मुआवजा, महिलाओं को स्वरोजगार, पुनर्वास गांव में बसे भू विस्थापितों को
कुसमुंडा (कोरबा). कुसमुंडा में चल रहे भू विस्थापितों ने 110 दिनों का धरना देकर आंदोलन की सेंचुरी बना ली है। आप एकता बना कर इसी तरह डटे रहे, तो यही एसईसीएल धरना स्थल आकर सभी किसानों को अर्जन के समय की पुनर्वास नीति के हिसाब से पंडाल में आकर सभी को ज्वाइनिंग लेटर देने को
कोरबा. पुराने लंबित प्रकरणों में भू-विस्थापितों को रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर कल कुसमुंडा क्षेत्र के विस्थापन प्रभावित ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबंधन पर अचानक हल्ला बोल दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा भी इस आंदोलन में उनके साथ थी, जो लगातार कोयला क्षेत्र में विस्थापन प्रभावित गांवों की समस्याओं को लेकर
कोरबा.मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भू-विस्थापित पीड़ितों की समस्याओं को हल न करने के कोयला प्रबंधन के तानाशाहीपूर्ण रवैये के खिलाफ एसईसीएल के गेवरा मुख्यालय पर 25 फरवरी को प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद एसईसीएल प्रबंधन ने माकपा और ग्रामीणों के साथ वार्ता की। वार्ता में एसईसीएल प्रबंधन की ओर से