देश की अर्थ व्यवस्था टूट रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है। अफसरशाही सर चढ़ कर बोल रही। युवाओं जागोगे की सोये रहोगे, अब यह निर्णय लेने का वक्त आ गया है। राजसत्ता आपको चुनौती दे रही है। भय, आतंक, नफरत के वातावरण में फंसा कर आपको लूट रही है। क्या अब भी प्रश्न नहीं करोगे।