चांपा. जहां जीवन उत्सव मनाता हो जहां जीवन खिलता हो वहां वसंत है |जीवन के उत्सव में जीवन के रस में जीवन के छंद में संगीत में उसे देखने की क्षमता जुटाना ही वसंतोत्सव मनाना है।  उपरोक्त विचार अक्षर साहित्य परिषद एवं महादेवी महिला साहित्य समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला भगवती सरस्वती