रायपुर. किसान विरोधी कानूनों की वापसी से उत्साहित संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर आज पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ किसान सभा, आदिवासी एकता महासभा, राजनांदगांव जिला किसान संघर्ष समिति और छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ और सी-2 लागत का डेढ़ गुना
रायपुर. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद अब अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने का कानून बनाने तथा बिजली कानून में संशोधन बिल को वापस लेने की मांग पर 26 नवम्बर को पूरे प्रदेश
रायपुर. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा जगह-जगह ढोल-नगाड़ों के साथ विजय जुलूस निकाले जा रहे हैं। इन जुलूसों और सभाओं में मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को शिकस्त देने के लिए सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य की गारंटी देने का कानून बनने
रायपुर. तीन कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाये जाने की मांग को लेकर पिछले चार महीने से देश भर में चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन के आव्हान पर 26 मार्च को होने वाले भारत बंद का प्रदेश की चार वामपंथी पार्टियों ने समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर
किसान विरोधी कानूनों की वापसी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के साथ छत्तीसगढ़ एवं कोरबा जिले के किसानों की एकजुटता व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ किसान सभा का एक जत्था कोरबा जिला के किसान सभा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर की अगुआई में कोरबा से दिल्ली पहुंच कर पलवल और सिंघु बॉर्डर
कोरबा. किसान विरोधी कानूनों की वापसी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के साथ छत्तीसगढ़ के किसानों की एकजुटता व्यक्त करने के लिए छत्तीसगढ़ किसान सभा का एक जत्था आज कोरबा जिला के किसान सभा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर की अगुआई में रवाना हुआ। बांकीमोंगरा क्षेत्र के ग्रामीणों ने जबर्दस्त नारेबाजी