April 15, 2020
बाबा साहब की अनदेखी का प्रतिफल : घुटन भरा वर्तमान और आशंका भरा कल

(आलेख : बादल सरोज) मौजूदा समय विडम्बना का समय है। बिना किसी अतिशयोक्ति के कहा जाए तो; देश और समाज एक ऐसे वर्तमान से गुजर रहा है जिसमे प्राचीन और ताजे इतिहास में, अंग्रेजो की गुलामी से आजादी के लिए लड़ते लड़ते जो भी सकारात्मक उपलब्धि हासिल की गयी थी, वह दांव पर है। समाज