किसी भी देश में आत्महत्या की दर उसके सामाजिक स्वास्थ्य का संकेतक होती है। हमारे देश में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) इसके विश्वसनीय आंकड़ें उजागर करता है। लेकिन किसान आत्महत्याओं की बढ़ती खबरों के बीच मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दबाव में तीन साल बाद एनसीआरबी ने ये आंकड़े सार्वजनिक किए हैं