व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा/ मोदी जी के विरोधी बार-बार उनके सामने हार जाते हैं — पता है क्यों? उनके विरोध में सकारात्मकता नहीं है। उनके पास तेल के दाम से लेकर ईवीएम के खेल तक, शिकायतें तो खूब हैं, पर किसी नये इंडिया का विजन ही नहीं है। विजन होता तो मोदी जी के विरोधी कम