वर्धा. ‘हिंदी और मलयालम का भक्ति साहित्य : सांस्कृतिक पुनर्पाठ’ विषय पर बीज वक्‍तव्‍य देते हुए केरल विश्‍वविद्यालय के हिंदी विभाग की पूर्व अध्‍यक्ष मलयालम साहित्य की विदुषी प्रो. एस तंकमणि अम्मा ने कहा कि पूरे भारतीय परिप्रेक्ष्य में भक्ति आंदोलन को तुलनात्मक दृष्टि से  परखने की आवश्यकता है। वह श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय ,कालडी एवं महात्मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय