May 11, 2020
युवाओं का काम आत्म गौरव करना नहीं : राजेश बिस्सा

तुम नहीं कमजोर, मजबूर मत समझना। आवाज कर बुलंद, युवाओं का काम धधकना सशक्त युवा वह सैलाब है, जिसे रोका नहीं जा सकता है। अगर आप शसक्त नहीं है, तो इसका सीधा मतलब है, आप मजबूर हैं। पराधीन हैं। दूसरे की दया पर निर्भर हैं। क्या युवाओं का जीवन सिर्फ आत्मगौरव महसूस करने से चल जायेगा? क्या जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, राष्ट्र, सीमाएं, परंपरा, संस्कृति, देशी, विदेशी ईत्यादि जैसे मुद्दों