बादल सरोज. 70 और 80 के दशक में एक अमरीकी खुफिया प्लान बड़ी चर्चा का विषय बना था।  संसद में भी उसे लेकर बहुत शोर – जाहिर है  वामपंथियों और कुछ सोशलिस्ट सांसदों द्वारा – किया गया था।  इस खुफिया दस्तावेज का नाम था “प्रोजेक्ट ब्रह्मपुत्र” और इसे अमरीकी विदेश विभाग के साथ मिलकर पेंटागन