भोपाल. आयुर्वेद के अनुसार आहार स्वयं औषधि है | यह आरोग्यवर्धक, हानिरहित और मौसम के अनुसार होना चाहिए | जाड़े में गेहूं के साथ एक – चौथाई मात्रा में चना मिलाकर रोटी खानी चाहिए | आहार की मात्रा को लेकर आयुर्वेद में उल्लेख किया गया है कि हमें पेट का आधा हिस्सा अन्न से और