नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसान आज (22 जुलाई) से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच एक आंदोलन (Farmers Protest on Jantar-Mantar) शुरू करेंगे. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है. शर्तों
हिसार. हरियाणा के हिसार (Hisar) में खाप पंचायत ने कृषि कानूनों और तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के खिलाफ दूध के दाम बढ़ाने (Milk Price Hike) का फैसला किया है. खाप पंचायत (Khap Panchayat) ने निर्णय लिया है कि एक मार्च से दूध 100 रुपये प्रति लीटर बेचा जाएगा. हालांकि यह फैसला सिर्फ बाहर
ग्वालियर. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ दिल्ली की तमाम सीमाओं पर करीब तीन महीने से किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. इस बीच सरकार और किसान नेताओं के बीच 12 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. अब केंद्रीय कृषि
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया और हिंसा को अंजाम दिया. किसान लाल किले तक पहुंच गए और उसके प्राचीर पर अपना धार्मिक झंडा फहरा दिया. किसानों की हिंसक रैली के बाद किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait)
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 48 दिनों से जारी है और मंगलवार (आज) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अहम फैसला आ सकता है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि किसानों की चिंताओं को कमेटी के सामने रखे जाने की जरूरत
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 43वें दिन भी जारी है और दिल्ली की तमाम सीमाओं पर डटे किसान गुरुवार (7 जनवरी) को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. किसान इसे 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का रिहर्सल बता रहे हैं. बता दें कि किसानों ने गणतंत्र
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 37वें दिन भी जारी है और राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसान नेताओं और सरकार के बीच अब तक 6 दौर की बातचीत हो चुकी
नई दिल्ली. राकांपा प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राज्यों से विचार विमर्श किये बिना ही कृषि संबंधी तीन कानूनों को थोप दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठकर खेती के मामलों से नहीं निपटा जा सकता क्योंकि इससे सुदूर गांव में रहने वाले किसान
नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) एक महीने से जारी है और किसान दिल्ली की तमाम सीमाओं पर टिके हुए है. किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. आंदोलन को तेज करते हुए हरियाणा के किसान संगठनों का कहना है कि उनकी मांगें
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच आज (रविवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आकाशवाणी पर प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) करेंगे. ये इस कार्यक्रम का 72वां संस्करण होगा और पीएम सुबह 11 बजे देश को संबोधित करेंगे.
नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Argriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 29वें दिन भी जारी है और किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं. सरकार ने आंदोलन खत्म करने के लिए एक और वार्ता का प्रस्ताव दिया है, वहीं किसानों का कहना है कि वो बातचीत को तैयार हैं, लेकिन सरकार कोई
नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) लगातार जारी है और विरोध करने वाले किसान चक्का जाम का प्लान बना रहे हैं. इस बीच कानूनों के समर्थन में करीब 20 हजार किसान आ गए हैं और आज (रविवार) गाजियाबाद में प्रदर्शन करेंगे. वहीं सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की
नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Farmers Laws) के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी का समर्थन किया है. नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम एक खुला खत लिखा और कहा कि देश के खिलाफ खड़े लोग किसानों को
नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों ने केंद्र सरकार के संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कहा है कि कानूनों को रद्द करने तक आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा. इसके साथ ही दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने महापंचायत कर तीनों कानून रद्द कराने के लिए