लंदन. हेल्थकेयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर पर यूनाइटेड किंगडम समेत पूरी दुनिया में बैन लग सकता है. कंपनी के एक शेयरहोल्डर ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बेबी पाउडर पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पेश किया है. द गार्डियन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने बेबी
वेलिंगटन. न्यूजीलैंड (New Zealand) में इच्छा मृत्यु का कानून रविवार यानी 7 नवंबर से लागू हो गया है. अब यहां ऐसे लोग अपनी मर्जी से मौत को गले लगा सकेंगे, जो लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं. इससे पहले अमेरिका, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड्स, स्पेन, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, कनाडा सहित कुछ अन्य देशों में इच्छा मृत्यु को कानूनी दर्जा
नई दिल्ली. न्यूजीलैंड के फर्स्ट क्लास क्रिकेटर एंड्रयू हेजलडाइन (Andrew Hazeldine) के करियर को बड़ा झटका लगा है क्योंकि वो हॉजकिंग्स लिंफोमा (Hodgkin’s Lymphoma) से पीड़ित हो गए हैं. ये एक तरह का कैंसर है जिससे इम्यून सिस्टम (Immune System) पर असर पड़ता है. तेज गेंदबाद को इस बीमारी का पता सितंबर 2020 में हुआ
नई दिल्ली. जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर (Johnson & Johnson) में कैंसर (Cancer) के तत्व होने के मामले में कंपनी के खिलाफ कई केस दर्ज हो चुके हैं. अब इन केस का निपटारा करने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन ने बड़ी रकम अदा करने का फैसला लिया है. 1000 केसों का करेगी निपटारा जॉनसन एंड
नई दिल्ली. बीते मंगलवार का दिन काफी अमंगल साबित हुआ. फिल्म एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) के कैंसर से पीड़ित होने की खबर मिली, जिसके बाद हर कोई उनके लिए दुआएं कर रहा है. उनके फैंस जल्द सेहतमंद होने की कामना कर रहे हैं. अब टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने भी संजय दत्त की
नई दिल्ली. कैंसर से पीड़ित पूर्व भारतीय निशानेबाज पूर्णिमा जनेन का निधन हो गया है जिसके बाद ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा सहित देश के निशानेबाजी जगत ने उनके असमय निधन पर शोक जताया है. पूर्णिमा 42 साल की थी. अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF) से लाइसेंस धारक कोच पूर्णिमा पिछले 2 साल से कैंसर से
बिलासपुर. मुॅह का नहीं खुलना, एैसी समस्या जिसके कारण तो अनेक है पर ईलाज एक ही है, जबड़ो के जोड़ों का आपरेशन। इसके प्रमुख कारणों में दुर्घटना से जबड़ों का क्षतिग्रस्त होना, अक्लदाढ़ केा इन्फेक्टेड होना, तम्बाखू कैंसर आदि है पर प्रमुख कारण गुटखा, उसके उपयोग के तरीके है। उक्त बातें डाॅ विनय खरसन वरिष्ठ