नई दिल्ली.भारत में क्रिकेट का खेल जुनून की हद तक प्रचलित है और यह बात भी सभी जानते हैं कि क्रिकेट तीन प्रारूपों में खेला जाता है, जिसमें टेस्ट मैच की अवधि सबसे अधिक पांच दिन होती है। सीमित ओवर का मैच एक दिन में खेला जाता है और हाल के वर्षों में प्रचलित फटाफट
देश के बंटवारे के समय पंजाब में हुए खूनी दंगों के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन आजादी से ठीक एक बरस पहले 16 अगस्त 1946 को कलकत्ता में हुए दंगों ने बंगाल की जमीन को लाल कर दिया था। इन दंगों की शुरुआत पूर्वी बंगाल के नोआखाली जिले से हुई थी और 72
अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा। हालांकि इस सूरज में बंटवारे के जख्म की लाली भी थी। बंटवारे के बाद मिली आजादी खुशी के साथ ही दंगों और सांप्रदायिक हिंसा का दर्द भी दे गई। 15 अगस्त
नई दिल्ली. निर्देशन, अभिनय और गायन में तरह तरह के प्रयोग करने वाले चुलबुले और हरदिल अजीज गायक किशोर कुमार का जन्म चार अगस्त को हुआ था। देश की पहली पूर्ण कॉमिडी फिल्म मानी जाने वाली ‘चलती का नाम गाड़ी’ में किशोर कुमार ने अपने दोनो भाइयों अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ हास्य
नई दिल्ली. इतिहास से अच्छा शिक्षक कोई दूसरा हो नहीं सकता. इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. इसी कड़ी में जानेंगे आज 2 अगस्त को देश-दुनिया में क्या हुआ था, कौन सी बड़ी घटनाएं घटी थीं जिसने इतिहास के पन्नों पर
दुनिया के इतिहास में 25 जुलाई की तारीख पर विज्ञान की एक बड़ी उपलब्धि दर्ज है। दरअसल आज ही के दिन पहले टेस्ट ट्यूब शिशु का जन्म हुआ था। इंग्लैंड के ओल्डहैम शहर में 1978 में दुनिया की पहली आईवीएफ शिशु लुई ब्राउन का जन्म हुआ। करीब ढाई किलोग्राम वजन की लुई ब्राउन आधी रात के बाद
इतिहास के पन्नों में आज क्या-कुछ घटित हुआ था? क्या कुछ खास घटा जिसने आज के वर्तमान को बदला और आगे का भी भविष्य बदल रहा है। वो महत्वपूर्ण लोग जिन्होंने देश-दुनिया पर असर डाला। किन महत्वपूर्ण लोगों ने आज 24 जुलाई को जन्म लिया और किन लोगों का आज निधन हुआ। तो आइये चलते
हर दिन इतिहास के झरोखों से अतीत का सफर करते हुए आज हम साल के 199वें दिन पर आ पहुंचे हैं। अब इस साल के 166 दिन बाकी हैं। 18 जुलाई का दिन भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में महत्वपूर्ण है। 3 जून 1947 को प्रस्तुत की गई माउंटबेटन योजना के आधार पर ब्रिटिश संसद ने