July 24, 2025
‘लोकजतन’ सम्मान : कॉर्पोरेट विरोधी पत्रकारिता के आइकॉन थे मुकेश चंद्राकर

(आलेख : संजय पराते) यदि पत्रकारिता लोकतंत्र की जननी है या पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, तो यकीन मानिए, 3 जनवरी की रात वह बस्तर के बीजापुर में एक राज्य-पोषित ठेकेदार के सेप्टिक टैंक में दफ्न मिली। जी हां, हम बात उस नौजवान की कर रहे हैं, जिसकी पत्रकारिता उसकी मौत के बाद भी