इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) में प्रधानमंत्री कुर्सी भले ही किसी के पास हो, लेकिन होता वही है, जो सेना चाहती है. सीधे शब्दों में कहें, तो सेना का एकछत्र राज चलता है और जो सेना के साथ चलना नहीं चाहता, उसके लिए सरकार में बने रहना मुश्किल हो जाता है. यही इमरान खान (Imran khan) के साथ