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डॉ. अनुष्का आतरम को पीएच.डी. की उपाधि, कुलपति ने दी बधाई

  बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर की प्रतिभावान शोधार्थी डॉ. अनुष्का आतरम को सामाजिक कार्य विषय में पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई है। उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। डॉ. आतरम ने एक ज्वलंत सामाजिक

गणेश कोशले को पीएचडी की उपाधि

जांजगीर-चांपा. जांजगीर-चांपा जिला के ग्राम कोसमंदा (चांपा) के निवासी गणेश कुमार कोशले को गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के इतिहास विभाग द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। गणेश कोशले ने अपने शोध विषय ‘छत्तीसगढ़ में अनुसूचित संचेतना एवं अंबेडकरवाद का प्रभाव: 1947 से 2000 तक (जांजगीर-चांपा जिले के विशेष संदर्भ में) में समाज विज्ञान

पीएचडी भर्ती में फीस के नाम पर दोगुना वसूली एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर.  एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह के नेतृत्व में कुलपति के नाम कुलसचिव अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय को अशासकीय महाविद्यालय को शोध केंद्र से हटाने एवम नियमविरुध वसूले गए फीस वापस करने सौपा गया ज्ञापन रंजेश सिंह ने बताया की अभी अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय में पीएचडी ( शोध) की भर्ती चल रही है जिसमे

सीयू ने सुनील टाइगर को दी पत्रकारिता में पीएचडी उपाधि

बिलासपुर. गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने सुनील टाइगर को पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। इनके शोध का विषय वन क्षेत्र की महिलाओं पर सोशल मीडिया के प्रभाव का अध्ययन (विशेष सन्दर्भ – फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब) है। सुनील ने अपना पीएचडी शोध कार्य सीयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में हो रही है यूजीसी के निर्देशों की खुली अवहेलना

बिलासपुर.गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में UGC और MHRD के निर्देशों की खुलकर अवहेलना हो रही है। विश्वविद्यालय के कई विभागों के PhD शोधार्थियों को इस पूरे वर्ष कोई फेलोशिप नहीं मिली हैं, जबकि आधा साल बीत चुका है। वहीं PhD रेजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक DRC की मीटिंग पूरे एक वर्ष बाद भी होती नहीं दिख

वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वां स्थान चिंता का विषय : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने के बावजूद भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 102वें पायदान पर है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होने से खाद्यान्न के मामले में देश आज आत्मनिर्भर हो गया है,
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