नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों की समीक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि इन्हें आपातकाल के दौरान शामिल किया गया था और ये कभी भी बीआर आंबेडकर द्वारा तैयार संविधान का हिस्सा नहीं थे। वहीं, होसबाले के बयान के बाद