रावण के पुत्र प्रहस्त और पत्नी मंदोदरी ने उसे समझाने का बहुत प्रयास किया कि सीता को वापस कर युद्ध से बचा जा सकता है किंतु रावण पर इन बातों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. वह अपनी शक्ति को निहारते हुए महल पहुंचा. साथ ही सारे तनाव को भूलने के लिए महफिल में पहुंचा जहां