बिलासपुर. सरदार वल्लभ भाई पटेल महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, महान वकील, राजनेता और संगठक थे। देश के एकीकरण में उनका बहुत बड़ा योगदान था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रतनपुर में सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती समारोह और कुर्मी महाधिवेशन मंे उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए यह उद्गार व्यक्त किया। रतनपुर के महामाया मंदिर
बिलासपुर. त्रिपुरा के राज्यपाल श्री रमेश बैस का 12 नवंबर को शाम 4 बजे कार द्वारा रतनपुर आगमन होगा। वे मां महामाया मंदिर परिसर में आयोजित कुर्मी महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम पश्चात वे अपने निवास स्थान रवि नगर रायपुर के लिये प्रस्थान करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष श्री चरण दास महंत
बिलासपुर.सरकण्डा के बहतराई स्थित अटल आवास के 6 नाबालिक सप्तमी की शाम पैदल रतनपुर महामाया देवी दर्शन करने गए थे. वहां एक दिन रुकने के बाद सभी बालक सोमवार दोपहर वापस बस में बैठकर बिलासपुर पहुंचे. रतनपुर घूमने गए 6 बालकों में दो बच्चे घर पहुंच गए और 3 डोंगरगढ़ घूमने चले गए, लेकिन एक
बिलासपुर. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने क्षेत्र के प्रसिद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी रतनपुर में मां महामाया देवी का दर्शन किया और पूजा-अर्चना कर प्रदेश के खुशहाली की कामना की। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष डाॅ.चरण दास महंत ने भी महामाया देवी की पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने मंदिर प्रांगण में चल रहे भंडारे
बिलासपुर. नवरात्र पर्व के सप्तमी दिवस के अवसर पर बिलासपुर सहित अन्य दिशाओं से रतनपुर जाने वाले हजारों की संख्या में श्रद्धालु पद यात्रियों को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस तथा यातायात का बल सुगम एवं सुरक्षित मार्ग व्यवस्था हेतु लगाया गया है तथा सभी प्रकार के भारी वाहन बस आदि के रतनपुर दिशा
बिलासपुर. रतनपुर सिद्ध शक्तिपीठ माँ महामाया मन्दिर ट्रस्ट रतनपुर के द्वारा प्रत्येक रविवार की सुबह 11 बजे से मंदिर दर्शन करने आने वाली महिलाओं को निशुल्क रूप से चुनरी और माता की श्रृंगार सामग्री का वितरण शुरू किया गया है । जहां पर महिलाएं मां महामाया देवी की दर्शन कर यह सामग्री प्राप्त कर रही
बिलासपुर. लोक पर्व भोजली अंचल में पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर महामाया मंदिर टस्ट ने भोजली प्रतियोगता का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में अंचल की मंडलियां आकर्षक साज-सज्जा के साथ भोजली लेकर शामिल हुए।सावन महीने के नागपंचमी के दूसरे दिन से किसान घरों में भोजली लगाकर देवी की अराधना करते