मुंबई/अनिल बेदाग . देशभक्ति की भावनाओं और गर्व का कोई मापदंड तय नहीं किया जा सकता। खासकर, भारत में जिस तरह लोग राष्ट्रवाद का आह्वान करते हैं वैसा कोई और नहीं करता। और सिनेमा से बेहतर कुछ भी नहीं है जो दर्शकों के दिलों को बेहद प्यार से भर दे। दर्शकों के लिए असरदार और