साल के दसवें महीने की 26 तारीख देश के ऐतिहासिक और भौगोलिक स्वरूप के निर्धारण में बहुत खास है। यह उन दिनों की बात है जब वर्ष 1947 में बंटवारे की आंच अभी ठंडी भी नहीं हुई थी। हर तरफ अफरा-तफरी और अनिश्चितता का माहौल था और ऐसे में हमसाया देश आक्रामक हो उठा और