महापुरुषों के आचरण से प्रेरणा लेकर राष्ट्र विकास में जीवन को समर्पित करें- कुलपति प्रो. चक्रवाल
सीयू में महात्मा गांधी एवं स्व. लाल बहादुर शास्त्री की जन्म जयंती पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस कार्यक्रम का आयोजन
बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय में दिनांक 02 अक्टूबर, 2024 को अपराह्न 1 बजे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं राष्ट्र निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्म जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री संदीप कविश्वर, राष्ट्रीय संयोजक, सांस्कृतिक अध्ययन अंतरराष्ट्रीय केन्द्र, नई दिल्ली तथा विशिष्ट अतिथि श्री वैभव सुरंगे, युवा प्रमुख, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, रायपुर रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।
कार्यक्रम का आयोजन परिसर स्थित प्रधानमंत्री स्व. श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर पुष्ष अर्पित करने के उपरांत प्रशासनिक भवन के सभा कक्ष में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री संदीप कविश्वर, राष्ट्रीय संयोजक, सांस्कृतिक अध्ययन अंतरराष्ट्रीय केन्द्र, नई दिल्ली ने कहा कि दोनों महापुरुष पूजनीय हैं और हम सभी के प्रेरणास्त्रोत हैं। महात्मा गांधी जी ने समयबद्धता, अनुशासन एवं वचनबद्धता को आचरण में आत्मसात करने का संदेश दिया। स्व. लाल बहादुर शास्त्री जी त्याग, तपस्या और सादगी के प्रतिमूर्ति थे।
विशिष्ट अतिथि श्री वैभव सुरंगे, युवा प्रमुख, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम, रायपुर ने कहा कि शिक्षक ही भारत को विश्व गुरु बनाने वाले युवाओं का निर्माण करेंगे। भारत ही विश्व को गांधी जी और शास्त्री जी जैसे महान नेतृत्वकर्ता प्रदान कर सकता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि हम सभी को महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। गुजरात के प्रसिद्ध संतकवि नरसी मेहता के भजन वैष्णवजन तो तेने कहिए को उल्लेखित करते हुए कहा कि दूसरों की पीड़ा को समझते हुए उन्हें दूर करने का भाव एवं प्रयास करना चाहिए। स्व. शास्त्री जी ने जीवन के संघर्षों के अनुभवों को अपना गुरु बनाया और जनसेवा और राष्ट्र सेवा में स्वयं को समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री रहते हुए भी सादगी और सरलता का सदैव अनुसरण करते रहे।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि स्व. शास्त्री जी के विराट व्यक्तित्व एवं जनहद्यस्पर्शी विचार ने राष्ट्र को सामरिक रूप से मजबूत बनाने के साथ ही खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखी तथा जय जवान, जय किसान का प्रेरणा मंत्र दिया।
इससे पूर्व सुबह 7 बजे से 10.30 बजे तक राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर कोनी सब्जी मंडी क्षेत्र में सघन स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान के अंतर्गत लोगों को जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, पानी संरक्षण, बिजली बचाओ, गीला कचरा एवं सूखा कचरा अलग-अलग डालने के लिए लोगों को जागरुक किया गया।
इसके उपरांत प्रशासनिक भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती, संत गुरु घासीदास जी, महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण किया। अतिथियों का स्वागत नन्हें पौधों से हुआ। स्वागत उद्बोधन अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने दिया। तत्पश्चात तरंग बैंड ने स्व. लाल बहादुर शास्त्री जी एवं महात्मा गांधी जी के प्रिय भजनों के साथ राम भजन व विभिन्न भारतीय भाषाओं में भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्वेता सुब्रह्माण्यम ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अभय एस. रणदिवे ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। इस अवसर पर विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।