निलंबित अधिवक्ता संतोष पांडेय के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करो : शौकत अली

बिलासपुर. ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन ने छत्तीसगढ़ बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष और लॉयर्स यूनियन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रभाकर सिंह चंदेल पर निलंबित अधिवक्ता संतोष पांडेय द्वारा लगाए गए आरोपों को अनर्गल और आधारहीन बताते हुए कौंसिल की विशेष परिषद से पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तथा तत्काल प्रभाव से उसका सनद रद्द करने की मांग की है।
आज यहां जारी एक विज्ञप्ति में लॉयर्स यूनियन के प्रदेश सचिव शौकत अली ने कहा कि बार कौंसिल का कार्यकाल 2 फरवरी को समाप्त हो गया था। इस नाते कौंसिल अध्यक्ष व उसके पदाधिकारियों के समस्त अधिकार 1 फरवरी को समाप्त हो गए थे और विशेष परिषद के पास चले गए थे। इसके बाद संतोष पांडेय अपने अधिवक्ता पंजीयन को बचाने के लिए किससे क्या बात करते है, इसका कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पांडेय 3 फरवरी से 25 फरवरी तक के कथित ऑडियो-वीडियो जारी करें, ताकि लोगों को उनके आरोपों की सच्चाई का पता चल सके।
लॉयर्स यूनियन के सचिव शौकत अली ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि संतोष पांडेय ने निलंबित पटवारी रहते हुए भी कौंसिल को गलत जानकारी देकर वर्ष 2018 में अपना पंजीयन कराया था, लेकिन इसके बावजूद छत्तीसगढ़ राज्य शासन से दिसम्बर 2020 तक निलंबन भत्ता प्राप्त कर रहे थे। यह प्रकरण उजागर होने के बाद कौंसिल ने नियम-कायदों के साथ प्रक्रिया के तहत उनका पंजीयन निलंबित किया है। इसलिए गलत जानकारी देकर अवैध रूप से पंजीयन प्राप्त करने के लिए कौंसिल की विशेष परिषद को उनके खिलाफ कार्यवाही को आगे बढ़ाना चाहिए और पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना चाहिए।
संतोष पांडेय के आरोपों को षडयंत्र बताते हुए शौकत अली ने कहा कि चंदेल के कार्यकाल में पिछले छह वर्षों से कुछ लोग उनके खिलाफ साजिश करते रहे हैं और बार कौंसिल के खिलाफ डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले लगाए गए थे, लेकिन हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन लोगों को मुंह की खानी पड़ी है। संतोष पांडेय भी आज इन्हीं लोगों के हाथों का खिलौना बनकर ओछे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गलत जानकारी देकर फर्जी तरीके से पंजीयन हासिल करने वाले पांडेय के कृत्यों से समूचा वकील समुदाय शर्मिंदा है और न्याय प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को इसका संज्ञान लेना चाहिए।

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