काबुल पहुंचा तालिबानी नेता अब्दुल गनी बरादर, जल्द संभालेगा अफगानिस्तान की कमान
काबुल. अफगानिस्तान में नई सरकार का गठन करने के लिए तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) काबुल पहुंच चुका है. बरादर ने कतर की राजधानी दोहा में हुई शांति वार्ता में तालिबान का नेतृत्व किया था. तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में कैसी सरकार होगी, इसी बारे में चर्चा करने के लिए बरादर काबुल पहुंचा है.
जल्द आएगा नया राजनीतिक मॉडल
तालिबानी नेता जबीहुल्ला मुजाहिद ने द वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि सरकार का गठन किस रूप में होगा, इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बरादर एक समावेशी सरकार के गठन के लिए जिहादी नेताओं और राजनेताओं से मिलेगा. बरादर देश के पूर्व सरकारी नेताओं, स्थानीय मिलिशिया कमांडरों, नीति निर्माताओं और धार्मिक विद्वानों के साथ बैठकें कर रहा है. तालिबान के एक नेता के मुताबिक अगले कुछ हफ्तों के भीतर देश पर शासन करने के लिए एक नए मॉडल को लाने की योजना है. जो कि हर किसी के अधिकारों की रक्षा करेगा. भले ही पश्चिमी परिभाषा के अनुसार वह लोकतंत्र न कहलाए.
अफगानिस्तान में बरादर
बरादर ने 1994 में दूसरे कट्टरपंथियों के साथ मिलकर तालिबान संगठन को बनाया था. अमेरिका के साथ संयुक्त अभियान के तहत 2010 में पाकिस्तान में बरादर को गिरफ्तार कर लिया गया था. तालिबान के कब्जे के बाद मंगलवार से बरादर अफगानिस्तान में ही है.
शरिया के हिसाब से चलेगा देश
तालिबान के एक कमांडर ने इस हफ्ते ऐलान किया कि यह ग्रुप शरिया कानून के तहत देश पर शासन करेगा. इस ग्रुप ने 1996 से 2001 तक जब देश पर राज किया था तब इस्लामिक कानून को कठोरता से लागू किया था. हाल ही में ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि तालिबानी उन अफगानियों की तलाश कर रहे हैं. जिन्होंने विदेशी ताकतों के साथ काम किया हो. उन्होंने काबुल हवाई अड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रहे अफगानियों की पिटाई भी की और उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. साथ ही महिलाओं के साथ बर्बरता की भी कई तस्वीरें सामने आई हैं. जिनमें देखा जा सकता है कि उन्हें ऑफिस या स्कूल जाने से रोका जा रहा है.
प्राथमिकता- नागरिकों के जीवन की रक्षा
इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और गिराई गई सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने शनिवार को काबुल के कार्यवाहक तालिबान गवर्नर से मुलाकात की. अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा कि हमारी प्राथमिकता राजधानी के नागरिकों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा करना है.