सत्ता पर नियंत्रण को लेकर आपस में भिड़े Talibani, सरकार गठन से पहले ही नेताओं में सामने आए मनमुटाव


काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने वाले तालिबान (Taliban) के लिए सरकार बनाना और उसे चलाना आसान नहीं होगा. क्योंकि अभी से उसे आंतरिक संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है. तालिबानी नेताओं में मनमुटाव साफ नजर आने लगा है. एक लेख में बताया गया है कि कई स्रोतों और पूर्व खुफिया और सैन्य अधिकारियों ने विभिन्न तालिबान गुटों के बीच स्पष्ट विभाजन की पुष्टि की है. उनका कहना है कि तालिबान नेताओं में सत्ता पर नियंत्रण को लेकर मनमुटाव शुरू हो गया है.

सभी को चाहिए सत्ता

लेख में कहा गया है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में सत्ता को लेकर बड़े विवाद हैं. विभिन्न जातियां और जनजातियां सभी सत्ता चाहते हैं, यह तालिबान के लिए एक बड़ा धक्का है. लेख में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हक्कानी नेटवर्क को पहले से ही काबुल की सुरक्षा के प्रभारी के रूप में नामित किया गया है, जो अफगानिस्तान से संबंधित सभी मामलों में राजनीतिक और सैन्य रूप से पर्दे के पीछे कहीं अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. खलील हक्कानी, जिस पर अमेरिका ने 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है, को अफगानिस्तान में सुरक्षा का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है.

Talibani गुटों में गोलीबारी

रिपोर्ट के अनुसार, यह माना जाता था कि हक्कानी के वफादार अमेरिकी हथियारों से लैस थे. वे हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अंदर ही तुरंत सत्ता स्थानांतरित करने की योजना बना रहे थे. अमेरिका स्थित एक अन्य खुफिया सूत्र ने यह भी बताया कि शुक्रवार रात हवाई अड्डे की परिधि के करीब तालिबान गुटों के बीच कुछ गोलीबारी हुई थी.

पदों का लालच दे रहा Taliban 

लेख में बताया गया है कि तालिबान और हक्कानी के बीच नियंत्रण और शक्ति का संचालन करने वाले मतभेदों के अलावा, उन समूहों में से प्रत्येक के भीतर भी दरारें उभरती जा रही हैं. इस मामले की जानकारी रखने वाले काबुल के एक सूत्र ने कहा कि हेलमंडिस और कंधारी दोनों समूहों को चुनौती दे रहे हैं. तालिबान ने कई लोगों को अच्छे पदों पर नियुक्त करके उन्हें शांत करने की कोशिश की है.

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