Afghanistan में तालिबान की दरिंदगी, पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के बड़े भाई को तड़पाकर मारा

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काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर बलपूर्वक काबिज होने के बाद से तालिबान (Taliban) के जुल्मों में तेजी आ गई है. तालिबान ने अपने धुर विरोधी और देश के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) के बड़े भाई रोहुल्लाह सालेह (Rohullah Saleh) की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी है.

पंजशीर से काबुल जाने की कोशिश

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोहुल्लाह सालेह (Rohullah Saleh) पंजशीर घाटी से काबुल जाने की कोशिश कर रहे थे. उसी दौरान तालिबानियों (Taliban) को इसका पता चल गया. उन्होंने सालेह की पहचान कर उन्हें बंदी बना लिया. इसके बाद रोहुल्लाह सालेह को कोड़ों और बिजली के तारों से पीटा गया. फिर तालिबान के आतंकियों ने उनका गला काट दिया. तालिबानी आतंकियों ने सालेह के मृत पड़े शव पर गोलियां भी बरसाईं.

अमरुल्लाह सालेह का नहीं आया बयान

इस खबर की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. वहीं इस बर्बर हत्या पर अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) और पंजशीर के नेता अहमद मसूद का कोई बयान भी सामने नहीं आया है. उधर तालिबान (Taliban) ने भी इस हत्या पर चुप्पी साध रखी है. माना जा रहा है कि अगर यह घटना सच साबित हुई तो आने वाले दिनों में तालिबान के अत्याचारों में और तेजी आ सकती है.

पंजशीर की चोटियों से लड़ रहे विद्रोही

बताते चलें कि पंजशीर को छोड़कर तालिबान (Taliban) का बाकी 33 प्रांतों पर पूरा कब्जा हो चुका है. पंजशीर में अधिकतर ताजिक मूल के लोग रहते हैं. वे अपने नेता अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) के नेतृत्व में तालिबान से टक्कर ले रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान के ड्रोन विमानों की मदद से तालिबान ने पंजशीर के अधिकतर इलाकों पर अधिकार कर लिया है. फिर भी अमरुल्लाह सालेह के नेतृत्व में तालिबान विरोधी नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स के लड़ाके पहाड़ों की चोटियों से मुकाबला जारी रखे हुए हैं.

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