हिंदी विश्वविद्यालय में शिक्षक अभिविन्यास कार्यशाला उद्घाटित
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में भाषा विद्यापीठ द्वारा विदेशी विद्यार्थियों के लिए हिंदी शिक्षण कार्यक्रम के तहत पाँच दिवसीय (27 से 31 जुलाई) ‘शिक्षक अभिविन्यास कार्यशाला’ का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के द्वारा मंगलवार (27 जुलाई) को तुलसी भवन स्थित महादेवी वर्मा सभा कक्ष में किया गया। इस अवसर पर हिंदी शिक्षण की वैश्विक चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि अलग-अलग देशों की परिस्थितियाँ भिन्न-भिन्न हैं। इन देशों के विद्यार्थियों को एक ही कक्षा में पढ़ाना एक चुनौती भरा कार्य है। हमें पढ़ाई को और रुचिकर बनाने के लिए विशेष प्रकार की प्रविधि विकसित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषा सिखाते समय बहु-सांस्कृतिकता को दृष्टिगत रखकर ऑनलाइन कक्षा का संचालन करना अत्यंत आवश्यक है और इसे संभव बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए बौद्ध-भारत विद्या विश्वविद्यालय, साँची की कुलपति प्रो. नीरजा अरुण गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में ऑनलाइन शिक्षा एक आवश्यक विकल्प है और इसे पूरा करना चुनौती भरा कार्य है। उन्होंने कहा कि विदेशी विद्यार्थी भारतीय संस्कृति के संवाहक हैं। विदेशी विद्यार्थियों को भाषा पढ़ाते समय अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल द्वारा प्रो. नीरजा गुप्ता का सूतमाला तथा विश्वविद्यालय का प्रतीक चिह्न भेंट देकर स्वागत किया गया।
विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति और कार्यशाला के संयोजक प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए हिंदी शिक्षा आवश्यक है। इसके लिए पिछले डेढ़ दशक से प्रयास चल रहे हैं। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने विश्वविद्यालय को ऑनलाइन माध्यम से अल्पावधिक एवं नियमित कार्यक्रम चलाने का दायित्व सौंपा है, जिसके तहत ऑनलाइन कार्यक्रम संचालित होंगे और जिसके अकादमिक क्रियान्वयन का दायित्व विश्वविद्यालय निभायेगा।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप दीपन तथा कुलगीत से किया गया। कार्यक्रम में मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. कृपा शंकर चौबे, संस्कृति विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी, साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार, विधि विद्यापीठ के प्रोफेसर चतुर्भुज नाथ तिवारी, स्त्री अध्ययन विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुप्रिया पाठक, साहित्य विभाग के डॉ. उमेश कुमार सिंह, अनुवाद अध्ययन विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. मीरा निचले प्रत्यक्ष रूप से तथा अन्य शिक्षक ऑनलाइन उपस्थित थे। उदघाटन सत्र का संचालन साहित्य विद्यापीठ के सहायक प्रोफेसर डॉ. यशार्थ मंजुल ने तथा अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजीव रंजन राय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।