December 3, 2021
नाबालिग बालिका से बलात्संग के आरोपी को दस वर्ष का कठोर कारावास
टीकमगढ़. निर्णय की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक/एडीपीओ नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि फरियादी ने पुलिस थाना बुड़ेरा में एक लिखित आवेदन इस आशय का दिया था कि दिनांक 15/06/2017 को उसकी लड़की (अभियोक्त्री-1) उम्र 16 वर्ष एवं भाई की लड़की (अभियोक्त्री-2) उम्र 17 वर्ष 2 माह घर से करीबन 10:00 बजे कपड़ा डालने के लिये घर से ग्राम डिकोली गयी थीं, शाम तक वापिस नहीं आयीं तो तलाश करने पर पता चला कि अभियोक्त्री-1 एवं भतीजी अभियोक्त्री-2 को राजेश व अरविन्द बहला-फुसलाकर भगाकर ले गये हैं। उक्त आवेदन के आधार पर गुमइंसान सूचना लेख की जाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना बुडेरा में अपराध अंतर्गत धारा 363,366 भा.दं.सं. पर लेखबद्ध कर मामला पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री-1 एवं अभियोक्त्री-2 को दस्तयाब कर उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया गया एवं न्यायालय के समक्ष अभियोक्त्रीगण के कथन अंकित कराए गए। अनुसंधान के दौरान घटनास्थल का नक्शा-मौका तैयार किया जाकर साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। आरोपीगण को गिरफ्तार कर चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्रीगण की वैजाइनल स्लाइड एवं अस्पताल का सील नमूना जप्त कर जप्तीपत्रक बनाया गया। आरोपीगण राजेश उर्फ भरत व अरविन्द का रक्त नमूना एफ.एस.एल सागर भेजा गया तथा डीएनए प्रोफाइल तैयार करने हेतु पहचान फार्म तैयार कर डीएनए परीक्षण हेतु भेजा गया। अनुसंधान पूर्ण होने के पश्चात् आरोपीगण के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 भा.दं.सं. तथा धारा ¾ पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध का विचारण किये जाने हेतु अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। उक्त प्रकरण में माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट द्वारा संपूर्ण विचारण पश्चात् पारित अपने निर्णय में व्यपहरण के आरोपी राजेश उर्फ भरत सौंर को धारा 363 भा.दं.वि. में 05 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000/- (पांच हजार) रूपये के अर्थदण्ड एवं आरोपी अरविन्द उर्फ भज्जू सौंर को धारा 363 भा.दं.वि. में 05 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000/- (पांच हजार) रूपये के अर्थदण्ड, धारा 366 भा.दं.वि. में 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000/- (पांच हजार) रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 376 भा.दं.वि. में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10000/- (दस हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी आर.सी. चतुर्वेदी, जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।