सुनवाई और आदेश के बाद वक्फ की जमीन से किरायेदार को किया गया बेदखल
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने अपनी बेजा कब्जा हो चुकी जमीनों को वापस पाने कवायद शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बिलासपुर के जुनी लाइन में करीब 4000 स्क्वायर फीट जमीन में से 500 स्क्वायर फीट जमीन जिस पर हिदायतुल्ला खान पिता नबी उल्लाह खान का कब्जा था उसे न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से मकान और ज़मीन को कब्जा मुक्त करा कर उसे अपने आधिपत्य में ले लिया है। दरअसल राज्य वक्फ बोर्ड,वक्फ की गई जमीनों पर काबिज सभी लोगों को नया एग्रीमेंट कर वर्तमान समय के हिसाब से किराया देने की मांग कर रहा है, मगर वर्षों से वक्फ की भूमि पर काबिज किराएदार वक्फ के नए एग्रीमेंट को मानने तैयार नहीं है। इसीलिए वक्फ बोर्ड अब ऐसे लोगों पर न्याय सिद्धांत के तहत कार्यवाही करने लगा है। अनुविभागीय दंडाधिकारी बिलासपुर के न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण के बाद बेजा कब्जा हटाने आदेश पारित किया गया था जिसके परिपालन में नायब तहसीलदार बिलासपुर ने बुधवार को बेदखली वारंट जारी कर जमादार माल तहसील कार्यालय को कार्यवाही करने आदेशित किया। गुरुवार को तहसील के कर्मचारी जूनी लाइन स्थित हिदायतुल्ला खान द्वारा काबिज मकान नंबर 24 में पहुंचे और मकान के अंदर रखा सामान बाहर निकालने और पंचनामा के बाद वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि आरिफ मुमताज़ मुतवल्ली जामा मस्जिद को इस मकान का आधिपत्य ताला लगाकर सौंप दिया गया। जूनी लाइन में अभी भी बहुत सारे किराएदारों का वक्फ की जमीन पर कब्जा है जिनसे 2009 से किराएदारी भी नहीं ली जा रही है। सभी को नए एग्रीमेन्टके तहत किराया देने के लिए कहा गया है मगर वे तैयार नहीं है। इसी बात को लेकर अवैध कब्जा धारियों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसी तरह जामा मस्जिद परिसर में कई दुकान और मकान यानी 30 हज़ार रुपए किराए वाली दुकानों को पुराने किराए यानी 425 रुपए प्रति महीना किराए के आधार पर लिए हुए हैं इनके खिलाफ भी नोटिस जारी कर उन्हें व्यक्तिगत रूप से तामील करा दिया गया है। वक्फ बोर्ड शीघ्र ही इनके खिलाफ भी न्यायालयीन कार्यवाही करने की तैयारी कर चुका है। वक्फ बोर्ड और जिला प्रशासन की इस कार्यवाई से वर्षों से कम किराया देकर जमे कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया है।