अनुपूरक बजट में पीएम आवास के लिए केवल 3799 करोड़ का प्रावधान करके 18 लाख आवास बनाने का दावा जनता से दगाबाजी है
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि जिस तरह से 2 करोड़ रोजगार हर साल, 100 दिन में महंगाई कम करने और हर खाते में 15-15 लाख रुपए आने का वादा जुमला साबित हुआ, उसी तरह से विधानसभा चुनाव के मोदी की गारंटी के नाम पर किए गए दावे भी जुमले साबित हुए हैं। पीएम आवास योजना 2015 में लागू हुई तब केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी। 2011 के जनगणना को आधार मानकर छत्तीसगढ़ के लिए कल 18 लाख आवास का लक्ष्य तय किया गया था। 2015 से 18 तक रमन सरकार के दौरान मात्र 237000 ग्रामीण पीएम आवास तथा 19000 शहरी पीएम आवास बने। 2018 से 23 तक भूपेश सरकार ने 10 लाख से अधिक पीएम आवास बनाएं। शेष लगभग 7 लाख आवास बनाने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने विगत बजट में 3234 करोड़ का प्रावधान किया तथा 7 लाख आवासहीनो के लिये मकान बनाने के लिये पहली किश्त अक्टूबर में ही भूपेश सरकार ने डाल दिया था। मुख्यमंत्री और भाजपा बताये 18 लाख आवास किनके लिये बना रहे उनकी सूची सार्वजनिक किया जाये। अनुपूरक बजट में पीएम आवास के लिए सिर्फ 3799 करोड़ का प्रावधान है इतनी राशि में 18 लाख आवास कैसे बनेगा इसका जवाब भाजपा दे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता बताएं कि 18 लाख पीएम आवास के लिए राज्यांश की राशि कितनी होती है? 3799 करोड़ अनुपूरक बजट में स्वीकृत की गई है उस से 18 तो क्या 5 लाख आवास भी नहीं बनाई जा सकती हैं। असलियत यह है कि केंद्रीय योजनाओं में लक्ष्य तय करने का अधिकार राज्य को नहीं होता। 2011 के बाद से केंद्र की मोदी सरकार जनगणना के दायित्व से भाग रही है ताकि इरादतन षड़यंत्र पूर्वक नए हितग्राहियों को लाभ से वंचित रखा जा सके। अपनी नाकामी पर पर्देदारी करने मोदी सरकार के द्वारा जनगणना नहीं कराए जाने से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब वर्ग का हुआ है। नए हितग्राहियों की पहचान कर उन्हें आवास देने के लिए कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में आवास न्याय योजना शुरू की जिसकी प्रथम किस्त भी सितंबर महीने में जारी की जा चुकी है, जिसे बंद करने का षड़यंत्र भी भाजपा सरकार रच रही है। भारतीय जनता पार्टी को अपने झूठ, जुमले और वादाखिलाफी के लिए छत्तीसगढ़ की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।